भारत में इस साल के बजट ने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की ग्रोथ में नई ऊर्जा का संचार किया है। देश की #ग्रीनग्रोथ रणनीति के मूलभूत घटकों में से एक वाहन स्क्रैपिंग नीति है, जिसे सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए पेश किया गया है।
व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी का उद्देश्य देश की सड़कों से पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाना और नए, स्वच्छ और अधिक ईंधन-कुशल वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करना है। यह नीति न केवल प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद करेगी बल्कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए देश के प्रयासों में भी योगदान देगी।
इस नीति के तहत वाहन मालिकों को अपने पुराने वाहनों को कबाड़ कर नया खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार ने एक स्वैच्छिक वाहन परिमार्जन योजना की भी घोषणा की है, जो व्यक्तियों और कंपनियों को अपने पुराने वाहनों को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से निपटाने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
प्रदूषण के स्तर को कम करने के अलावा, वाहन स्क्रैपिंग नीति से ऑटोमोबाइल उद्योग को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलने और देश में रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। नीति से नए वाहनों की मांग सृजित होने की उम्मीद है, जिससे ऑटोमोबाइल क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी।
इसके अलावा, नीति जीवाश्म ईंधन पर देश की निर्भरता को कम करने में भी मदद करेगी और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे वैकल्पिक ईंधन को अपनाने को प्रोत्साहित करेगी। सरकार ने कर प्रोत्साहन और सब्सिडी सहित इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की घोषणा की है।
वाहन स्क्रैपिंग नीति भारत में सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नीति न केवल प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद करेगी बल्कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देगी और रोजगार के अवसर पैदा करेगी। हरित विकास को बढ़ावा देने पर सरकार के निरंतर ध्यान के साथ, भारत अपने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के रास्ते पर है।